जालंधर 10 मार्च (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में गत दिवस दिव्य सरोवर को समर्पित विशेष भजन प्रभात “दिव्य नाद” का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धेय सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी गरिमा भारती जी ने बताया कि यूँ तो समाज में आज बहुत से प्रकार के गीत संगीत युवक युवतियों व हर वर्ग के द्वारा सुना जा रहा है। परन्तु वो संगीत शांति व आंनद देने की जगह विलासिता की ओर लेकर जा रहा है। उन्होंने बताया कि केवल आध्यात्मिक संगीत ही ऐसा संगीत है जिस दिव्य नाद को सुनकर हमारी आत्मा आनंदित होती हैं।
इस अवसर पर स्वामी विश्वानंद जी ने दिव्य सरोवर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह दिव्य सरोवर लगभग 8 एकड़ क्षेत्रफल में विस्तृत है, जिसमें दिव्यता और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यह सरोवर महिलाओं और पुरुषों के स्नान के लिए दो भागों में विभाजित है, जिसमें कुल 60 लाख लीटर जल की क्षमता है।
कार्यक्रम में संस्थान के अनेक श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया और भजन-संकीर्तन के माध्यम से आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव किया। समस्त भक्तों ने दिव्य सरोवर के निर्माण के इस अद्भुत प्रयास के लिए संस्थान का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के पश्चात सभी श्रद्धालुओं ने दिव्य सरोवर में स्नान किया।