जालन्धर 28 अगस्त (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल आश्रम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया। जिसमें साधवी कालिंदी भारती जी ने कहा कि क्या कारण है कि पूरे भारत में समस्त मानव जाति जन्माष्टमी के पर्व को बड़े उत्साह व उमंग से मनाती है और इतने युगों उपरांत भी भगवान श्री कृष्ण जी के प्रति भावना, प्रेम भारत के लोगों में ज्यों का त्यों ही बना हुआ है? क्या वो माखन चोरी करते थे इसलिए, या बांसुरी बजाते थे इसलिए या महाभारत के युद्ध में हर ओर उन्हीं का चक्कर चल रहा था इसलिए। भगवान श्री कृष्ण जी के जीवन में की गई प्रत्येक लीला उनके पीछे छिपे आध्यात्मिक रहस्यों को तो उजागर करती है, साथ ही उनके बुलंद हौसलों और स्वस्थ सोच को प्रकाशित करती है। उन्होंने प्रत्येक लीला में यही आदर्श रखा है कि हर परिस्थिति में हौसला और सकारात्मक सोच रखते हुए विजय हासिल करें। लेकिन यह सामर्थ्य उसे केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से प्राप्त हो सकता है। पूर्ण गुरु के माध्यम से जब एक व्यक्ति अपने अंतस की आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करता है तभी सही मायने में वो श्री कृष्ण जी के तरह जीने की कला को सीख पाता है।