जालंधर 21 अगस्त (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल आश्रम में रक्षाबंधन का शुभ अवसर मनाया गया। भाई और बहन के प्रेम भरे रिश्ते को जीवनभर बरकरार और मजबूत बनाए रखने के लिए आज के दिन हर भाई की कलाई पर रक्षा का सूत्र बांधा होता है। लेकिन हमारे इस समाज में एक और भी रिश्ता है जिससे आज इंसान दूर होता जा रहा है, और वो है प्रकृति और मानव का। आज इंसान आधुनिक उपलब्धियों पर इतना निर्भर हो गया है कि वो प्रकृति के मूल्य को समझ नहीं पा रहा है, परन्तु आज इंसान यह नहीं जानता कि जिन उपलब्धिओं से वो जीवनयापन कर रहा है, वह सब प्रकृति की देन है।
दिव्य ज्योति परिवार ने पर्यावरण की सुरक्षा को पहल देते हुए साधवी बहनों द्वारा वृक्षों को रक्षा का सूत्र बांधा और आजीवन रक्षा करने का प्रण लिया। साथ ही उन्होंने समाज को सन्देश दिया कि प्रकृति ईश्वर द्वारा दिया गया सबसे बड़ा उपहार है और इसमें मौजूद पेड़- पौधे हमारे सच्चे मित्र हुआ करते हैं। क्यूंकि हमारे जीवन की अधिकतर जरूरते जैसे धूप में छाँव, खाने के लिए भोजन, फल, और पड़ने के लिए कागज इत्यादि इन्हीं से ही पूरी होती है। इसलिए परिवार के अन्य सदस्यों की तरह, पेड़ों की रक्षा करना हमारा दायित्व है।
Rakshabandhan festival celebrated at Divya Jyoti Jagrati Sansthan