जालन्धर 20 अगस्त (रमेश कुमार) श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी पल्लवी भारती जी ने आए हुए गुरुभक्तों को गुरु महिमा सुनाते हुए राखी के पर्व की महानता बताई। साध्वी जी ने कहा कि भारत त्योहारों का देश है। जहां समय-समय पर विभिन्न प्रकार के पर्व एवं त्योहार मनाए जाते हैं। त्योहारों की इस श्रृंखला में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भाई और बहन के बीच के बंधन को समर्पित है। इतिहास में वर्णन आता है कि द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण जी की कलाई पर सूत्र बांधा था उसके परिणाम वश प्रभु श्री कृष्ण जी ने भरी सभा में द्रोपदी की लाज बचाई। इसलिए हमारे रक्षक प्रभु ही है , जो भौतिक और आध्यात्मिक रूप से हमारे साथ सदैव रहते हैं। साध्वी जी ने आगे बताया कि इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर आस्था और विश्वास का रक्षा सूत्र यानी राखी बांधकर उस ईश्वर के आगे अपने भाई की लंबी उम्र,अच्छे स्वास्थ्य व सुरक्षा की कामना करती है। और भाई अपनी बहन को आजीवन रक्षित करने का वचन देता है ।अनुपम पवित्रता और शुद्ध भावनाओं का अद्भुत संगम है यह पर्व ,जो विश्व के समक्ष भाई बहन के पावनतम संबंध को उजागर करता है। यह राखी पर्व एक अध्यात्मिक संदेश लेकर आता है। अर्थात एक भाई और बहन के संबंध के बीच कोई धूरी है,तो वो है स्वयं भगवान। यानी कि एक बहन अपने भाई को ईश्वरोन्मुख होने की प्रेरणा दे। ईश्वर भक्ति से पोषित आंतरिक ऊर्जा ही भाई का संरक्षण कर सकती है। तो वहीं एक भाई अपनी बहन को भेंट स्वरूप यदि कुछ दे,तो ऐसा भक्तिमय प्रकाश पथ दे,जो उसे आत्मिक सशक्तिकरण के मार्ग पर आगे बढ़ाकर उसकी हर पल, हर समय, हर घड़ी उसकी रक्षा कर पाए। जो कि केवल पूर्ण सतगुरु से प्राप्त ईश्वर दर्शन पर आधारित ब्रह्म ज्ञान के द्वारा ही संभव है। कार्यक्रम के दौरान साध्वी श्री नैना भारती,वसुधा भारती, रीता भारती, रीना भारती, कंवल भारती , ममता भारती ने सु मधुर ढंग से भजनों का गायन किया संगत ने नाच कर प्रभु के चरणों में हाजरी लगाई।