10 मार्च जालंधर (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर श्री राम मंदिर, अहियापुर टांडा उड़मुड़ में तीन दिवसीय श्री शिव कथा का आयोजन किया गया। जिसके अंतिम दिन में साध्वी मेधावी भारती ने मार्मिक आध्यात्मिक विवेचना को सबके समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि आज धरा के संसाधनों का दोहन हो रहा है। कोयला, जल, दुर्लभपदार्थ सब समाप्त होने की कगार परहै। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि एक दिनहमें रहने के लिए दूसरी धरती खोजनीहोगी। उन्होंने दूर अंतरिक्ष में ऐसे ग्रहखोजें जो देखने में भारत जैसे लगतेहै। उनका कहना है कि शायद इन परपानी भी मिल जाए। नासा कोअमेरिका ने लोगों को मंगल ग्रह परले जाने की अनुमति भी प्रदान कर दी। यदिवनस्पति शांत हो, अंतरिक्ष शांत हो,औषधियां शांत हो, धरती शांत औरधरती पर रहने वाला मानव भी शांतहो। जब मानव का मन संतुलित होगातो यह प्रकृति अपने आप हो संतुलनचलेगी। इसलिए आजआवश्यकता है उस ब्रह्मज्ञान कीजिसके माध्यम से मानव का मनशांत हो फिर पूरे ब्रह्मांड को वह शांतरख सकता है। पनप रही हैं, जो एक इंसान को इंसान नहीं रहने देती बल्कि उन बुराइयों ने इंसान को एक दानव की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है l इसलिए आज एक बार फिर जरूरत है समाज को ऐसी अवतरित सत्ता की जो दिशा विहीन मानवीय इकाई को दिशा प्रदान करके समाज में शांति को स्थापित कर सके l महापुरुष जब धरती पर आते हैं तो उनका एकमात्र लक्ष्य होता है परम सत्य का साक्षात्कार जन-जन को करवाना वे जीवन पर्यंत इस कार्य के लिए तत्पर रहते हैं ब्रह्म ज्ञान के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के भीतर अविनाशी आत्मा को दिखा देते हैं यही वह संजीवनी औषधि है जिससे वे जन समाज को पाप ताप से मुक्त करते है l
शिव कथा के अंतिम दिन भी साध्वी पुष्पभद्रा भारती, साध्वी मीनाक्षी भारती, साध्वी सतिंदर भारती, साध्वी रीताभारती द्वारा शिवमय भजन का गायन किया।इस अवसर पर स्वामी सज्जनानंद, विजय सांपला (पूर्व अध्यक्ष अनुसूचित आयोग भारत सरकार एवं पूर्व सांसद), सरदार जसबीर सिंह राजा गिल (विधायक), डा. केवल कृष्ण,ओम प्रकाश पुरी, अरुण पुरी, त्रिलोक चावला, विनोद जसरा, राकेश कुमार, राजू खुराना, हीरा पुरी, राजू जसरा, राजन सोंधी, किटू मोहन, ऋषभ जैन, प्रिंस नामधारी, प्रेम पड़वाल, अनिल गोरा, बिमल अरोड़ा, तरसेम, इंद्र कुमार, पंडित सुबोध, साध्वी पल्लवी भारती, साध्वी शशि भारती, साध्वी मीनाक्षी भारती, देवा नरिंदर कौर, चंद्र मोहन, राजेश राजू जसरा, चरणजीत सिंह आदि सहित अन्य प्रभु भक्त उपस्थित रहे