नूरमहल 30 जनवरी (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल आश्रम में रविवार को दिव्य दर्शन भवन के भीतर “मेरे सतगुरु प्यारे” शीर्षक के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम किया गया। इस दौरान साध्वी वैष्णवी भारती जी ने बताया कि आज तक आपने संस्थान की ओर से देवी कथा, राम कथा, शिव कथा, कृष्ण कथा इत्यादि अनेकानेक कथाओं को श्रवण किया होगा, लेकिन आज के इस विशेष दिवस में उन्होंने गुरु कथा का गुणगान करते हुए बताया कि गुरु कथा एक ऐसी विलक्षण कथा है जो समस्त ग्रंथों का केंद्र बिंदु और सभी कथाओं का सार है। जब कोई भक्त गुरुदेव की चर्चा या महिमा का गुणगान करता है तो वो भगवान के रूप में गुरु, भक्त के हृदय में सदा के लिए निवास करते हैं। साध्वी जी ने समझाया की इसलिए हमें अपना समय झूठे संसार की चर्चा या निंदा चुगली में लगाने की बजाय गुरु की चर्चा करनी चाहिए क्यूंकि गुरु की महिमा में इतनी शक्ति होती है कि वो एक हीन, दुखी एवं नकारात्मक व्यक्ति के भीतर ऐसी सकारात्मक ऊर्जा भर देते है की वो उसी समय दिव्यता को पाकर प्रफुल्लित हो उठता है। श्री गुरुदेव के दिव्य अनुभवों को श्रवण कर के समस्त श्रोतागण ने श्रवण सुख को प्राप्त किया और भावुक भजनों को श्रवण कर पंडाल में बैठे प्रत्येक साधक की आँखे गुरु के साकार दर्शन को पाने के लिए बह उठी।
“Mere Satguru Pyare” program organized at Divya Jyoti Jagrati Sansthan, Noormahal Ashram