फ्रंट लाइन (चंडीगढ़) पंजाब में गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित व पंजाब सी.एम. भगंवत मान एक बार फिर आमने-सामने हो गए हैं। इस बार यह तकरार किसी सत्र या बिल को लेकर नहीं, बल्कि संगीन आरोपों में फंसे कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को लेकर हुई है। पंजाब गवर्नर ने आरोपों में घिरे अमन अरोड़ा को लेकर पंजाब सरकार को घेरा है तथा कानूनी प्रक्रिया की अवहेलना के आरोप लगाए हैं। पंजाब गवर्नर ने एक पत्र के जरिए पंजाब सरकार से अमन अरोड़ा पर लगे आरोपों बारे स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने लिखा है कि 21 दिसंबर, 2023 को अदालत ने अमन अरोड़ा को दो साल की सजा सुनाई है और उच्च न्यायालय ने अभी तक सजा पर रोक नहीं लगाई है। उन्होंने लिखा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार यदि कोई विधायक दोषी ठहराया जाता है तो उसे विधानसभा की सदस्यता से वंचित कर दिया जाता है, तो फिर क्या पंजाब सरकार अमन अरोड़ा के खिलाफ कार्रवाई को अमल में ला रही है इतना ही नहीं गवर्नर की तरफ से 26 जनवरी को अमन अरोड़ा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने पर भी सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन पर एक अयोग्य विधायक को राष्ट्र का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व सौंपने का कार्य न केवल कानूनी प्रक्रिया की पवित्रता को कमजोर करता है, बल्कि नैतिक शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के संबंध में नागरिकों को एक अस्थिर संदेश भी भेजती है। यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन न करने से जुड़ा एक गंभीर मामला है। पंजाब गवर्नर ने कहा है कि क्या क्या मुझे इस पूरे मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट मिल सकती है।
Mann Government and Governor face to face once again in Punjab