4 नवम्बर (रमेश कुमार) इन दिनों सिविल अस्पताल में चोरों ने अपना साम्राज्य दोबारा से कायम कर लिया है और अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों से भी चोरी की वारदातें रुक नहीं रही है। अस्पताल में सुबह के समय पर्चियों वाले काऊंटर में डाक्टरों से चैकअप करवाने से पहले पर्ची बनाने के लिए काऊंटर में खड़े होते हैं। जहां लाइन में खडे़ चोर लोगों की जेब काटने का काम करते है। लेकिन अब तो चोरों ने हद कर दी और अस्पताल परिसर में खडे़ दोपहिया वाहन के अलावा ई-रिक्शा को भी चुराने का काम शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक बीते दिन चोरों ने अस्पताल में जहां दवाइयां मिलती है उस कमरे के सामने विजय निवासी गांव धीना ने अपना ई-रिक्शा खड़ा किया था। विजय का कहना है कि वह अपनी बीमार मां का चैकअप करवाने हेतु अपनी ई-रिक्शा जोकि उसने किस्तों पर ली थी। उस पर मां को सवार करके अस्पताल पहुंचा करीब 10.30 बजे वह बिना पर्ची के ई-रिक्शा पार्क कर चला गया। दोपहर बाद वापिस आने पर देखा कि रिक्शा चोरी हो चुका था। हालिक ई-रिक्शा चोरी होने के बाद विजय अस्पताल में लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की फुटेज अपने तौर पर देखता रहा कि शायद चोर का पता चल सके, लेकिन बात नहीं बनी।
गौर हो सिविल अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मचारी को भी मोटरसाइकिल चोर चुराकर ले गए थे और हाल में ही एक वार्ड अटैडैट का मोटरसाइकिल भी चोरी हो गया था। लेकिन वार्ड अटैडैट ने अपनी स्तर पर मोटरसाइकिल ढूढ़ा तो पता चला कि चोर उसे कबाड़ी को बेच गए थे। कबाडी को पैसे देकर वार्ड अटैडैंट को अपना मोटरसाइकिल वापस मिला।
अस्पताल में घूमने वाले लोग ही करते हैं रैकी
वहीं अस्पताल सूत्रों से पता चला है कि अस्पताल में बिना मतलब के घूमने वाले लोग सुबह से लेकर शाम तक अस्पताल में घूमते है। उक्त लोग रैकी करने के बाद चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। वहीं अस्पताल में पार्किंग का ठेका चलाने वाले कपिल शर्मा की लोगों से अपील है कि अस्पताल में अपने दोपहिया वाहनों आदि को पार्क करके पर्ची जरूरी ले क्योंकि बिना पर्ची के पार्क होने वाले वाहनों की जिम्मेदारी उनकी नहीं होती।
Thieves’ empire re-established in Civil Hospital, 2 incidents happened in a single day