1सितम्बर (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल आश्रम में रक्षाबंधन का शुभ अवसर मनाया गया। इसकी शुरुआत गुरु की पावन आरती करते हुए सबसे पहली राखी गुरु को बांधी गई क्योंकि गुरु का स्थान इस संसार के रिश्तों में सर्वोपरि है। गुरु ही है जो जीवन के हर सुख-दुःख में व्यक्ति के साथ रहता है। इसके बाद प्रकृति के संरक्षण को पहल देते हुए साधवी बहनों ने वृक्षों को रक्षा का सूत्र बांधा और आजीवन रक्षा करने का प्रण लिया। इसके साथ ही उन्होंने समाज को सन्देश दिया कि प्रकृति ईश्वर द्वारा दिया गया सबसे बड़ा उपहार है और इसमें मौजूद पेड़-पौधे हमारे सच्चे मित्र हुआ करते हैं , क्योंकि यह हमें धूप में छाँव,खाने के लिए फल और भोजन प्रदान करते हैं। इसलिए परिवार के अन्य सदस्यों की तरह है, इनकी रक्षा एवं सेवा करना हमारा दायित्व है।
The festival of Rakshabandhan was celebrated at Divya Jyoti Jagrati Sansthan Nurmahal Ashram