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प्रभु श्री राम का जन्म व उनकी लीलाएँ दोनों ही दिव्य हैं साध्वी सतप्रेमा भारती जी

28 जुलाई (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्री राम यज्ञशाला मंदिर, डिफेंस कॉलोनी  में  एक दिवसय श्री राम कथा का आयोजन किया गया कथा के अंतर्गत श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री सतप्रेमा भारती जी ने प्रभु जिज्ञासुओं को बताया कि श्री रामचरित मानस आध्यात्मिकता से परिपूर्ण एक महान ग्रंथ है और परमात्मा प्राप्ति का सूत्र – धार है। श्री राम का जन्म व उनकी लीलाएँ दोनों ही दिव्य हैं, श्री राम अनादि हैं जिन्हें किसी देश काल या जाति की संकीर्ण परिधि में नहीं बाँधा जा सकता । वह परमात्मा जो अखंड है उनके अवतरण के पीछे कुछ एक परिस्थितियाँ होती हैं जिनके वशीभूत वह परम सत्ता इस धरा पर अवतरित होती है। जब जब भी समाज में अत्याचार, भ्रष्टाचार, पापाचार में वृद्धि हुई तब तब वह परमतत्व इस धरा पर समाज के कल्याण हेतु साकार रूप लेकर आया और यही स्थिति आज समाज की है आज भी जरूरत है ऐसी अवतरित सत्ता की जो दिशा विहीन मानवीय इकाई को दिशा प्रदान करके समाज में शांति का प्रसार कर सके ।जब मानव का मन संतुलित होगा तो यह प्रकृति अपने आप हो संतुलन चलेगी। इसलिए आज आवश्यकता है उस ब्रह्मज्ञान की अविनाशी आत्मा को दिखा देते हैं यही वह संजीवनी औषधि है जिससे वे जन समाज को पाप ताप से मुक्त करते है l राम कथा के अंतर्गत साध्वी पुण्या भारती, साध्वी ममतामई भारती, साध्वी योगिनी भारती  द्वारा राममय भजन गाए गए। कथा अंत में प्रभु की पावन आरती का गायन किया गया जिसमें सभी ने श्रद्धा से भाग लिया। इस मौके पर कुलवंत राय घई, राम घई, साक्षी घई,अमृत सरुप डोगरा, अनु डोगरा, भरत घई, शैली घई, सरिता घई, कमलेश घई, गोपाल घई, संजीव कुमार, ईशान घई , अभिषेक घई, आदि मौजूद थे।
The birth of Lord Shri Ram and his pastimes both are divine Sadhvi Satprema Bharti ji

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