फ्रंट लाइन (रमेश, नवदीप) कभी पंजाब का सबसे सुंदर शहर माना जाता जालंधर आज टूटी सड़कों और साफ-सफाई तथा कूड़े की गंभीर समस्या से जूझ रहा है परंतु इसी के साथ-साथ प्रदूषण और प्लास्टिक की समस्या ने भी लाखों लोगों को परेशान कर रखा है । जिस तरह से यह समस्याएं पिछले कुछ समय से निरंतर बढ़ रही हैं और निगम इन्हें लेकर कोई कार्य योजना तक नहीं बना पाया उससे साफ लग रहा है कि जालंधर निगम को लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता ही नहीं है ।
प्रदूषण की बात करें तो आज जालंधर की ज्यादातर सड़कों पर मिट्टी पड़ी है जो पाईपें डालने के काम के दौरान निकली और वही मिट्टी वाहनों के चलने से उड़कर पूरे वातावरण को गंदा कर रही है । पर्यावरण की ओर भी निगम का कोई ध्यान नहीं है और ना ही ग्रीनरी की जा रही है । प्लास्टिक की बात करें तो करीब 6-7 साल पहले इस पर राज्य सरकार ने ही प्रतिबंध लगा रखा है परंतु आज शहर के हजारों दुकानदारों के पास प्लास्टिक के लिफाफे आम देखे जा सकते हैं और इन्हें बेधड़क प्रयोग में लाया जा रहा है । पंजाब पर काबिज आम आदमी पार्टी के नेताओं के पास भी प्रदूषण , पर्यावरण असंतुलन और प्लास्टिक की समस्या को लेकर कोई विजन नहीं है और ना ही कभी कोई विशेष अभियान ही चलाया गया ।
दुकानदारों की चैकिंग तक नहीं कर रहा निगम
शहर से संबंधित ‘ आप ‘ नेताओं को लोगों के स्वास्थ्य की कितनी फिक्र है इसका अंदाजा इसी बात से चल जाता है कि आज शहर में निगम दुकानदारों की कोई चैकिंग नहीं कर रहा । हालांकि कांग्रेस सरकार के समय स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने संयुक्त रूप से टीमें बनाकर ढाबे वालों , बेकरी वालों और हलवाईयों के चालान काटने का सिलसिला शुरू किया था जहां उन्हें गंदगी दिखाई देती थी या प्लास्टिक के लिफाफे प्रयोग किए जा रहे थे । परंतु अब ऐसा कुछ नहीं हो रहा । यही कारण है कि आज दुकानदार साफ-सफाई तक की परवाह नहीं कर रहे ।
बन रहे , बिक रहे और इस्तेमाल हो रहे प्लास्टिक के लिफाफे
केंद्र और राज्य सरकार ने प्लास्टिक के लिफाफे पर प्रतिबंध लागू कर रखा है परंतु इसके बावजूद जालंधर जैसे बड़े शहरों में प्लास्टिक के लिफाफे बनाए भी जा रहे हैं , बेचे भी जा रहे हैं और प्रयोग में भी लाए जा रहे हैं । शहर में अगर 50 हजार से ज्यादा दुकानदार हैं तो उनमें से 45 हजार दुकानदार प्लास्टिक के लिफाफे का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं । इसके अलावा थर्मोकोल के डिस्पोजेबल , प्लास्टिक की पैकिंग का सामान तथा कटलरी इत्यादि भी सरेआम बेची जा रही है । निगम ने इन सभी व्यापारियों को खुली छूट दे रखी है ।
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