फ्रंट लाइन (बरनाला) असम की डिब्रूगढ़ सैंट्रल जेल में बंद अमृतपाल से सीनियर एडवोकेट एवं संगरूर से पूर्व सांसद राजदेव सिंह खालसा ने मुलाकात की। उनके साथ अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह और मां बलविंद्र कौर भी थीं। राजदेव सिंह खालसा ने अमृतपाल सिंह से 25 मिनट तक बातचीत की। मुलाकात में अमृतपाल ने कोर्ट में अपना केस लड़ने के लिए राजदेव सिंह खालसा को अपना वकील नियुक्त किया।
असम से लौटकर अपने गृहनगर में प्रैस वार्ता में राजदेव सिंह खालसा ने कहा कि अमृतपाल पर अवैध तरीके से रासुका (एन.एस.ए.) लगाया गया है, वह केवल ‘अमृत’ बांट रहे थे। अमृतपाल ने कोई गोली या लाठी नहीं चलाई, इसके बावजूद सरकार ने उन पर एन.एस.ए. लगा दिया। इसके लिए पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जिम्मेदार हैं। खालसा ने कहा कि मैं भाजपा को दोष नहीं देता क्योंकि पंजाब सरकार के लिखित में देने के बाद ही केंद्र सरकार ने केंद्रीय बल पंजाब भेजा और अमृतपाल को पंजाब सरकार की सहमति से ही डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया। उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने जा रहे हैं।
खालसा ने कहा कि कुल 11 लोग डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अमृतपाल का केस लड़ने के लिए मैं कोई फीस नहीं लूंगा। मैं एस.जी.पी.सी. के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमें समर्थन दिया। इस अवसर पर उनके पी.ए. अवतार सिंह संधू भी मौजूद थे।
Senior advocate and former MP will fight Amritpal’s case, will challenge the government’s decision