फ्रंट लाइन (फिल्लौर) प्राइवेट अस्पताल में बड़े आप्रेशन से बच्चे को जन्म दिलवाने के बाद डाक्टरों द्वारा मां को चढ़ाए गए खून में बरती गई लापरवाही से महिला की हालत बिगड़ गई। उसे लुधियाना के दयानंद अस्पताल में दाखिल करवाया गया जहां उसकी मौत हो गई। महिला के परिजनों ने महिला का शव अस्पताल के बाहर रख 8 घंटे तक रोष प्रदर्शन किया।
मृतका माधुरी (27) के पति मनी वासी गांव पंजढेरा ने बताया कि वह अपनी गर्भवती पत्नी माधुरी को बच्चे को जन्म दिलवाने के लिए स्थानीय शहर के प्राइवेट अस्पताल में 11 मई को लेकर आया था जहां डाक्टर ने जांच कर उसे बताया कि बच्चे को जन्म दिलवाने के लिए उसका बड़ा ऑप्रेशन करना पड़ेगा। इसके लिए पति ने अपनी पहचान वालों से उधार पैसे लेकर जमा करवा दिए और उसी शाम डाक्टर ने ऑप्रेशन कर बच्चे को जन्म दिलवा दिया। लड़के ने जन्म लिया। मां और बच्चा दोनों ठीकठाक थे। उसने बताया कि ऑप्रेशन के 2 दिन बाद 13 मई को डाक्टर ने उसे कहा कि उसकी पत्नी में खून की कमी है तथा उसे एक पर्ची पकड़ाते हुए कहा कि इस ग्रुप का लुधियाना से खून लेकर आओ। वह जब खून लेकर आया तब उसकी पत्नी बिल्कुल ठीक थी तथा उसके साथ बातचीत कर रही थी। जैसे ही डाक्टर ने खून चढ़ाना शुरू किया तो उसकी पत्नी की हालत खराब होनी शुरू हो गई और कुछ ही समय बाद उसकी पत्नी के हाथ-पांव चलने बंद हो गए।
डाक्टर इसके बावजूद उसे खून चढ़ाता गया। जब उसकी पत्नी की हालत और ज्यादा बिगड़ गई तो डाक्टर ने खून चढ़ाना बंद कर 2 दिन तक इलाज करता रहा। 15 मई को जब उसकी पत्नी की हालत बेहद चिंताजनक हो गई तो डाक्टर ने उसे दयानंद अस्पताल लुधियाना ले जाने को कहा। जब उसने डाक्टर से कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं तो डाक्टर ने कहा कि उसकी गलती से उसकी पत्नी को गलत खून चढ़ा है इसलिए अब खर्च भी वही उठाएगा। उसके बाद उसे डी.एम.सी. लुधियाना भेज दिया गया जहां आधी रात को उसकी पत्नी ने दम तोड़ दिया। इस पर उसके परिवार वालों का प्राइवेट अस्पताल के डाक्टरों की गलती के विरुद्ध रोष भड़क उठा। उन्होंने शव को फिल्लौर लाकर अस्पताल के बाहर रख 8 घंटे तक रोष प्रदर्शन किया।