फ्रंट लाइन (जालन्धर) : जालंधर में लोकसभा उपचुनाव के दौरान सबसे पीछे अगर कोई पार्टी रही तो वह है भारतीय जनता पार्टी। केंद्र के कई मंत्री, नेता पूरे लाव लश्कर के साथ होटलों में बैठे रहे, लेकिन जालंधर के लोगों तक पार्टी को वोट डालने के लिए जरूरी व प्रभावशाली कोशिशें नहीं कर पाए। भाजपा के जालंधर से चौथे नंबर पर रहने के पीछे कुछ बड़े कारण हैं, जिन पर पार्टी को मंथन करना जरूरी है। खासकर हिंदू वोट तथा आदमपुर एयरपोर्ट जैसे मुद्दे भाजपा के लिए गले की फांस बन गए हैं।
इसके अलावा हिमाचल के माता चिंतपूर्णी, मां ज्वालाजी, श्री बगलामुखी, कांगड़ा देवी, चामुंडा देवी सहित कई प्रमुख धार्मिक तथा पर्यटन स्थलों को जाने के लिए होशियारपुर रोड मुख्य सड़क है, लेकिन सड़क की हालत पिछले कई दिनों से बहुत खराब है। इसके अलावा आदमपुर का फ्लाईओवर का काम सालों से रुका हुआ है, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार इस मामले में विफल साबित हुई तथा लोगों को सुविधाएं नहीं दे सकी, जिसका नुक्सान भाजपा को इस बार के लोकसभा चुनावों में हुआ।
भारतीय जनता पार्टी के पीछे हिंदू वोट बैंक एक पक्की चट्टान की तरह खड़ा रहा है, लेकिन भाजपा ने पिछले कुछ देर से पंजाब में अपने तौर-तरीके बदल लिए हैं। पार्टी हिंदू वोट बैंक को छोड़कर अब सिख राजनीति को भी एक्टिव करने में लगी हुई है। लेकिन एक शायर की वो बात कि ‘न खुदा ही मिला, न विसाल-ए-सनम’ भाजपा पर सही चरितार्थ होती है। सिख वोट बैंक तो मिला नहीं, हिंदू वोट बैंक भी हाथ से निकलता नजर आ रहा है। बादल और कैप्टन की सरकारों में हिंदू वैसे ही तिरष्कृत रहा है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने पिछली कुछ देर में हिंदू वर्ग को अपने साथ जोड़ने में सफलता हासिल की है। खासकर पार्टी का राष्ट्रीय प्रमुख अरविंद केजरीवाल तो हिंदू है ही, साथ ही पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा के साथ-साथ पंजाब के प्रमुख पदों पर तैनात आला अधिकारी भी हिंदू समुदाय से संबंधित हैं, जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिला।
Did these reasons drown the BJP in the Jalandhar Lok Sabha by-elections?