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यदि हमने परमात्मा को नहीं जाना तो संसार के भवसागर से पार कैसे होंगे: साध्वी जयंती भारती

फ्रंट लाइन (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एवं श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर द्वारा आयोजित श्री राम कथामृत के दूसरे दिन संस्थान के संचालक एवं संस्थापक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या मानस मर्मज्ञा साध्वी सुश्री जंयती भारती जी ने अपने मधुर कण्ठ से बताया कि प्रभु राम के जीवन पर आधारित अनेकों ही गौरवशाली ग्रंथ हैं। परन्तु श्री रामचरित मानस अपने आप में उल्लेखनीय है। श्री रामचरित मानस के सातों काण्ड प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रेरणा प्रदान करतें है। श्री राम चरितमानस एक मोतियों की माला की तरह है और प्रत्येक काण्ड एक एक मनके का काम करता है। साध्वी जी ने कहा कि प्रत्येक काण्ड के पीछे कोई न कोई आध्यात्मिक रहस्य निहित है। जिसको हम अपनी अल्प बुद्धि के माध्यम से नहीं समझ सकते। आगे उन्होने बताया कि प्रभु श्रीराम की दिव्य लीलाओं का प्रयोजन आज, वर्षोपरांत भी हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत है जिससे हमारे जीवन का मार्ग दर्शक हो सके।
सुश्री भारती जी ने बताया कि महापुरुषों की लीलाओं को दिव्य लीला क्यों कहते हैं क्योंकि उनकी लीलाएं अलौकिक होती है जिसमें प्रत्येक मानव को कुछ सीखने को मिलता है। उन्होने बताया कि प्रभु की ऐसी दिव्य लीलाओं को हम अपने घट में भी देख सकते हैं। भक्त सूरदास जी की चक्षुहीन थे परन्तु उन्होने प्रभु की लीलाओं का कैसे व्याख्यान किया क्योंकि उन्होने अपने घट में देखा था। हमारे सभी शास्त्र बतातें हैं कि हमें मानव तन ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए मिला है। इस मानव तन की तुलना नौका के समान की गई है। यदि हमने परमात्मा को जाना नहीं, उसकी भजन बंदगी न की तो फिर हम भवसागर से पार कैसे हो पाएगें, नहीं तो हम मझधार में ही फंस जाऐंगे।
कथा को श्रवण करने हेतु उपस्थित भगवद्प्रेमी इन आध्यात्मिक रहस्यों को श्रवण कर आश्चर्य से भर उठे। शहर के गणमान्य व्यक्ति इस कथा में बढ़ चढ़ कर शिरकत करकथा की समाप्ति प्रभु की आरती से की गई। करमजीत कौर चौधरी राजेंद्र बेरी शुशील रिंकू जी सुरिंदर कौर मगर सिंह जी जगबीर बरार कमलजीत सिंह भाटिया हर्ष सोंधी जी अमित तलवार राजीव दुग्गल खेलचंद जी, दिनेश शर्मा जी, मगर जगदीप सिंह,अशोक मल्होत्रा, सरदार लखबीर सिंह,ओंकार सिंह टिक्का, अरुण हांडा,रोहित हांडा,राकेश शर्मा (अधिवक्ता), मनोज नन्ना संजीव शर्मा, रोहित अरोरा, हेमत शर्मा, अमृत ​​गिल, डॉ परीना, मेग्ना, कौशल,दिनेश शर्मा प्रभातचंद शर्मा, जतिंदर शर्मा, विकास बग्गा, ओंकार राजीव, दीपक कौशल, रमेश अवस्थी, हरिंदर शर्मा, अशोक भारद्वाज, संजीव सोढ़ी, परम लखनपाल, देश बंधु शर्मा,धीरज, अशोक कुमार, पंडित मेघराज, पंडित उमेश झा, प्रदीप शर्मा आदि मौजूद थे।
If we do not know God then how will we cross the worldly ocean: Sadhvi Jayanti Bharti

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