फ्रंट लाइन – तीन-तीन दशक तक कांग्रेस में झंडाबरदार रहे टकसाली नेताओं का दर्द किसी से छिपा नहीं है। 8 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के अंदर रहकर कई नेताओं ने खुलकर आम आदमी पार्टी का साथ दिया और मौका मिलते ही ‘आप’ में शामिल हो गए हैं। इसके बावजूद टकसाली नेता कांग्रेस का झंडा तो उठाए घूम रहे हैं लेकिन उनका दर्द अभी भी छलक रहा है। टकसाली कांग्रेसी नेताओं के दर्द को कैश करने के लिए भाजपा नेताओं ने उन पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं और उन्हें पार्टी के भीतर बड़े पद दिए जाने के वायदे किए जा रहे हैं।
विधानसभा चुनावों के दौरान नॉर्थ विधानसभा हलके में कांग्रेस में हुई बगावत सबके सामने है। कई कौंसलर खुलकर आम आदमी पार्टी में जाने की घोषणा कर रहे थे और इन कौंसलरों ने आपस में वायदा तक किया था कि उनमें से टिकट किसी को भी मिले लेकिन सब मिलकर साथ रहेंगे। ऐन मौके पर आम आदमी की टिकट पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाले नेता जोगिन्द्रपाल शर्मा को टिकट न देकर एक अन्य नेता को दिए जाने पर ‘आप’ की टिकट का दावा करने वाले कौंसलर बिखर गए। ये नेता बिखर तो गए लेकिन अभी भी एक-दूसरे के संपर्क में हैं और मौके की तलाश में हैं। इनमें से एक नेता तो विधानसभा चुनावों के दौरान ही भाजपा में शामिल हो गया था और अभी बाकी के लिए भाजपा में जगह तलाशी जा रही है। अगर ये नेता भाजपा में जाते हैं तो इनमें से एक नेता को मेयर पद के लिए चेहरे के रूप में पेश किए जाने की संभावना है।
भाजपा वैस्ट में खेल सकती है मेयर पद का दाव
कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामने के बाद निराश चल रहे नेताओं को भाजपा में लाने के लिए रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसका कारण एक तो कई नेता आप में निराश चल रहे हैं और दूसरा भाजपा छोड़कर आम में शामिल नेताओं को भी कोई पूछ नहीं रहा है। भाजपा से आप में शामिल एक कौंसलर तो सरेआम अपना दर्द ब्यां कर रहा है कि यदि आप में शामिल करने के बाद उन्हें कोई मान-सम्मान ही नहीं देना था तो उन्हें ‘आप’ में शामिल ही क्यों किया गया। इसके अलावा पार्टी सूत्रों की मानें तो वैस्ट हलके में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को हासिल करने के लिए भाजपा किसी को मेयर बनाए जाने का दाव खेल सकती है।