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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने जालंधर के लायंस क्लब में स्ट्रेस मैनेजमेंट पर वर्कशॉप आयोजित की।

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने जालंधर के लायंस क्लब में स्ट्रेस मैनेजमेंट पर वर्कशॉप आयोजित कि। जिसके भीतर श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी डा. कवल भारती ने बताया कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव एक आम समस्या बन चुका है।

छोटे से लेकर बड़े तक, आज हर तीसरा व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है। साध्वी डा. कवल भारती ने बताया कि 2017 में हुई एक स्टडी के अनुसार भारत में लगभग 89 प्रतिशत लोग स्ट्रेस की समस्या से जूझ रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण उनकी आर्थिक स्थिति और काम का प्रेशर है। वहीं, तनाव के मामले में विश्व में दिल्ली 142वें, बेंगलुरु 130वें और कोलकाता 131वें स्थान पर है।
स्ट्रेस के कारण आपके हाथ कांप सकते हैं, आपका संतुलन बिगड़ सकता है और चक्कर भी आ सकते हैं। यह परेशानी हॉर्मोनल प्रॉब्लम्स की वजह से होती हैं।इसके अलावा स्ट्रेस के कारण आपको ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। जब आप बहुत घबराएं हुए होते हैं तो आपकी बॉडी गर्म हो जाती है। खासतौर पर प्रेजेंटेशन देने या इंटरव्यू के दौरान। स्ट्रेस के कारण आपको हमेशा सिर दर्द रह सकता है। इसे टेंशन हैडेक कहते हैं। यह सिर दर्द तब होता है जब आप स्ट्रेस में होते हैं। लंबे समय तक तनाव में रहने पर यह हमेशा भी बना रह सकता है।
तनाव की स्थिति तब होती है, जब हम दवाब लेने लगते हैं और जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक रूप से सोचने लगते हैं। यह समस्या शारीरिक रूप से कमजोर करने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी आहत करती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति न तो ठीक से काम कर पाता है और न ही अपने जीवन का खुलकर आनंद उठा पाता है। कार्यशैली और संबंधों पर बुरा असर पड़ने के चलते उसमें जीने की इच्छा भी खत्म हो जाती है।
जाहिर है कि तनाव में रहने वाले अधिकतर लोग आत्महत्या की ओर कदम बढ़ा लेते हैं।
कुछ लोग जहां “स्ट्रेस” को मनोवैज्ञानिक तनाव से जोड़ कर देखते हैं, तो वहीं वैज्ञानिक और डॉक्टर इस पद को ऐसे कारक के रूप में दर्शाने में इस्तेमाल करते हैं, जो शारीरिक कार्यों की स्थिरता तथा संतुलन में व्यवधान पैदा करता है।
शोध यह साबित करते हैं कि मानव रोग की जड़ बीमार दिमाग में है। घृणा, ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा और अहंकार की निचली भावनाओं से भरा मन और अगर तनाव दूर करना चाहते हैं तो मन को नकारात्मक विचारों से आजाद करने की जरूरत है। इसके लिए केवल मात्र एक ही मार्ग है, और वह है ध्यान तनाव में कमी लाता है या उसे दूर कर देता है।

जो लोग ध्यान करते हैं वह कई लाभों से लाभान्वित होते हैं। आज तो बड़े से बड़े मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट भी ध्यान की प्रमाणिकता पर मोहर लगा रहे हैं तो हम भारतीय क्यों ध्यान से वंचित रहें क्योंकि ब्रह्म ज्ञान आधारित ध्यान पद्धति पूरे विश्व को भारत की ही देन है।
इस अवसर पर कई गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे।
Divya Jyoti Jagriti Sansthan organizes workshop on stress management at Lions Club, Jalandhar

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