फ्रंट लाइन (ब्यूरो) संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बीमारी के कारण खराब हुई धान की तुरन्त गिरदावरी और लंपी स्किन के कारण पशुओं के नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर 30 सितंबर को पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा। गुरूद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी लुधियाना में आज संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान जत्थेबंदियों की एक विशेष मीटिंग हुई। यह मीटिंग इंद्रजीत सिंह कोटबुड्ढा, अमरजीत सिंह रड़ा और सुखपाल सिंह डफ्फर की अध्यक्षता में हुई।
इसमें भारतीय किसान यूनियन खोसा के महासचिव गुरिंदर सिंह भंगू, किसान संघर्ष कमेटी कोट बुड्ढा के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, जन कल्याण वेल्फेयर सोसायटी के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा, बीकेयू से युवा नेता एकता सिद्धूपुर गुरदीप सिंह बर्मा किसान दसुहा गन्ना संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष सुखपाल सिंह डफ्फर, पगड़ी संभाल लहर के प्रधान सतनाम सिंह बागड़िया, दोआबा वेल्फेयर अंदोलन कमेटी के प्रधान हर्षलिंदर सिंह, आदि नेता शामिल हुए।
इस बैठक में किसानों की मुश्किलों पर गंभीरता से विचार करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में भयंकर बीमारी के कारण एक लाख एकड़ धान की फसल को नुकसान हुआ है, जिसकी व्यवस्था सरकार नहीं कर पाई। सरकार को तुरंत गिरदावरी कराकर 60 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देना चाहिए। लंपी स्किन के कारण किसानों के पशुओं के नुकसान के मुआवजा 2 अगस्त को मुख्यमंत्री से हुई मीटिंग में सरकार द्वारा मानी गई मांगों के रूप में 96 करोड़ और गन्ने सरकारी बकाया के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर काम नहीं किया है। निजी मिलों का गन्ना बकाया, शहीद किसानों के वारिसों को नौकरी देना, पराली न जलाने पर मुआवजा माफ करना, (सीधी बुआई) धान के लिए सब्सिडी का भुगतान नहीं करना, 2 कनाल तक पंजीकरण के लिए एन.ओ.सी. में छूट न देना, नरमे और धान की फसल पर हुई ओलावृष्टि, बंद सहकारी चीनी मिलों का संचालन, सरकार 5 नवंबर को चीनी मिलें शुरू करने में भी असमर्थ नजर आ रही है।
पावरकॉम विभाग से संबंधित समस्याओं का समाधान नहीं करना, पुराने नालों से जहरीले पानी को नहीं रोकना, 2007 की नीति के अनुसार 19200 जल निकासी 70 एकड़ भूमि के हस्तांतरण को बहाल करना, टोकन मनी लेकर अनाधिकृत किसानों के विस्थापन को रोकना। स्वामित्व अधिकार आदि देने की मांगों से राज्य सरकार के इनकार के विरोध में 30 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) द्वारा 2 अगस्त को सड़क जाम का स्थगित धरना उन्हीं बिंदुओं पर होगा। इस अवसर पर बोलते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों की गंभीर समस्याओं के समाधान को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और सरकार लारे-लेप और डांग तपाऊ नीति पर काम कर रही है। सरकार की यह नीति कभी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पंजाब में सड़क जाम से लोगों को हुई असुविधा के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी।
United Kisan Morcha announced to block the wheel in Punjab on 30 September