फ्रंट लाइन (ब्यूरो) संगरूर लोकसभा उप चुनाव के नतीजों के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि नगर निगम चुनाव में जाने से पहले आम आदमी पार्टी को महिलाओं को एक हजार देने का वायदा पूरा करना होगा। यहां बताना उचित होगा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के लगातार दो बार एम पी रहने व सभी 9 विधानसभा सीटों पर सत्ताधारी विधायक हो होने के बावजूद संगरूर लोकसभा सीट पर हुए उप नाव में मिली हार को आम आदमी पार्टी की सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है।
जिसके एक दिन बाद पेश किए गए बजट के दौरान डेमेज कंट्रोल के रूप में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्पोर्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड रिजर्व करने का दावा किया गया है जबकि महिलाओं को हर महीने एक हजार देने के लिए फिलहाल इंतजार करने की बात कही गई है। इसके बाद से सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है कि भले ही आम आदमी पार्टी द्वारा अपनी सुविधा के मुताबिक नए सिरे से वार्डबंदी करवाई जा रही है । लेकिन महिलाओं को एक हजार महीना दिए बिना नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करना आम आदमी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा।
बिजली माफी को लेकर साफ नहीं हुई तस्वीर
आम आदमी पार्टी द्वारा जुलाई से 300 यूनिट बिजली माफ करने की घोषणा तो कर दी गई है लेकिन इस संबंधी अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं हो पाया है क्योंकि चुनाव के दौरान सभी वर्गों को 300 यूनिट बिजली माफ करने व उसके बाद होने वाली खपत के आधार पर बिलिंग करने की बात कही गई है। अब अगर सभी वर्गों को 300 यूनिट बिजली माफ नहीं की गई या 300 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत पर पूरा बिल लगाया गया तो उसका नुकसान भी आम आदमी पार्टी को नगर निगम चुनाव के दौरान हो सकता है।
Before going to the municipal elections, AAP will have to fulfill the promise made to women