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जेलों में बंद गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने की तैयारी, मददगार भी होंगे तलब

फ्रंट लाइन (चंडीगढ़) पंजाब की जेलों में बैठ कर जुर्म की दुनिया चलाने वाले गैंगस्टरों पर मुकम्मल शिकंजा कसने के लिए पंजाब सरकार ने युद्ध स्तर की तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य सरकार ने जेलों में हाई टेक्नोलॉजी मोबाइल प्रणाली वाले जैमर लगाने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है।
इसके साथ ही जिन कैदियों से मोबाइल फोन मिल रहे हैं, उनके सिम के मालिकों की सूची भी तैयार करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। अर्से बाद यह पहला मौका होगा जब पंजाब का जेल विभाग पंजाब पुलिस की मदद से जेलों के अंदर और बाहर एक साथ कार्रवाई करेगा। 
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद यह बात साफ हो गई थी कि पंजाब की जेलों में बैठे गैंगस्टर जुर्म की दुनिया को बड़े आराम से संचालित करते आ रहे हैं। गैंगस्टर का जेलों में सबसे बड़ा हथियार उनका संचार सिस्टम था जिसमें मोबाइल सबसे अहम हथियार है। पूर्व में भी जेलों में मोबाइल जैमर की स्थापना का सिलसिला शुरू हुआ था। मोबाइल जैमर पंजाब की 4 जेलों कपूरथला, गुरदासपुर, सिक्योरिटी जेल नाभा और संगरूर में लगाए गए थे, परंतु जब यह मोबाइल जैमर लगाए गए थे तब मोबाइल में इंटरनेट में 3जी प्रणाली थी उसके बाद जब 4जी प्रणाली आई तो वह सिस्टम बेकार से होकर रह गए। जबकि उन पर खर्चा भी बहुत आया था। 
पहला प्रयोग असफल होने के बाद सरकार ने 4 जेलों के बाद किसी अन्य जेल में मोबाइल जैमर नहीं लगाया, परंतु अब फिर से जेलों में मोबाइल जैमर लगाने की सरकार ने तैयारी कर ली है। इसके मुताबिक अब सरकार मोबाइल कंपनियों से आऊटसोर्स के आधार पर मोबाइल जैमर लगवाने जा रही है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जैसे ही इंटरनेट की 4जी टैक्नोलॉजी बदलकर 5जी में परिवर्तित होगी तो जेल प्रशासन को बिना कोई अतिरिक्त राशि खर्च किए नई प्रणाली मिल जाएगी। बदले में जेल प्रशासन को वही किराया देना होगा।
इसके लिए पंजाब सरकार विभिन्न नैटवर्क कंपनियों से संपर्क कर रही है। इसके साथ ही जेल विभाग ने उन लोगों के रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं जिनके नंबर पर सिम जेल में बंद कैदियों को दिए गए थे। सरकार ऐसे लोगों पर भी शिकंजा कसने की पूरी तैयारी में है। ऐसे लोगों की सूचियां लगभग तैयार कर ली गई हैं और सिम देने वाले लोगों के विरुद्ध षड्यंत्र की धाराओं के तहत मुकद्दमा दर्ज किया जाएगा। 
पंजाब सरकार ने जेलों में नॉन लीनियर जंक्शन डिटेक्टर भी स्थापित कर दिए हैं जोकि जेलों में मोबाइल की उपस्थिति होने पर बीप देने लगते हैं। ऐसे यंत्र पंजाब की लगभग सभी जिलों में कम से कम एक दिए गए हैं।
पिछले कुछ दिनों से जेल विभाग की इसी सुरक्षा नीति के चलते 1800 से अधिक मोबाइल जेलों में से बरामद किए गए हैं। इनमें से कुछ मोबाइल फोन टच स्क्रीन वाले थे जबकि अन्य की-पैड वाले मोबाइल फोन थे। इसके साथ ही बरामद किए गए मोबाइलों को लेकर मुकद्दमे दर्ज करवाए जा रहे हैं और मामलों की पड़ताल शुरू कर दी गई है। बरामद किए गए मोबाइल फोन और सिम जिन लोगों के नाम पर जारी हुए थे उन्हें भी पुलिस थानों में बुलाकर पूछताछ की जाएगी। 
जेलों में 300 छोटे-बड़े गैंगस्टर भुगत रहे सजा
उल्लेखनीय है कि पंजाब की जेलों में इस वक्त करीब 300 छोटे-बड़े गैंगस्टर सजा भुगत रहे हैं। अधिकतर गैंगस्टरों को हाई सिक्योरिटी जेलों में स्पैशल जोन बनाकर रखा गया है और सरकार की योजना के मुताबिक जहां गैंगस्टर रखे गए हैं वहीं अधिकतर जैमर लगाए जाने हैं। पंजाब की जेलों में सबसे बड़ा खतरा आबादी वाले क्षेत्र में पड़ रही जेलों को हो रहा है। जहां से अपराधियों के साथी बाहरी दीवारों से ही अंदर सामान फैंकते हैं। इसके लिए जेल विभाग अलग से सुरक्षा की तैयारी कर रहा है। दीवारों की मार्फत जेलों में फैंकी जाने वाली वस्तुओं में अधिकतर मोबाइल, जर्दा, बीड़ी अथवा नशे की दवाएं होती हैं।
Preparations to tighten the noose on gangsters in jails, helpers will also be summoned

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