फ्रंट लाइन (रमेश कुमार) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, शाखा कपूरथला की ओर से मिलन पैलेस में संस्कृति एवं आध्यात्मिकता से परिपूर्ण भजन संध्या भज गोविन्दम का आयोजन किया।
जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्याएं एवं शिष्य पधारे।कार्यक्रम का शुभ आरंभ करते हुए साध्वी सुमेधा भारती जी ने कहा कि आदि शंकराचार्य जी ने मानव को भज गोविन्दम की प्रेरणा दी,क्योंकि प्रभु का भजन, ईश्वर की भक्ति ही मानव जीवन में सुख का आधार है।
जब जब मानव माया की दलदल में फंसकर विह्वल और अशांत होता है,जीवंत होते हुए भी वह प्राण विहीन बन जाता है,आनंद का सागर होते हुए भी एक कतरे को तरसता है और जिंदगी की उजली संभावनाएं पतन के गर्त में खोने लगती हैं,तब तब विकल मानव किसी शांतमय डगर की तलाश करता है।
लेकिन यह तलाश कहां जाकर पूरी होती है? कौन उसके जीवन को सुख से भर सकता है? हमारे धार्मिक ग्रंथ इसका उत्तर देते हैं कि भक्ति ही मानव की समस्त चिंताओं का हरण कर सकती है।मानव का जीवन भले ही भौतिकवादी संसार की प्रत्येक सुख सुविधा से संपन्न क्यों न हो लेकिन गोविंद के भजन बिना उसका जीवन शाखा से विलग हुए पत्ते की मानिंद शुष्क हो रहेगा।
मनुष्य को यह तन भक्ति के लिए प्राप्त हुआ है।लेकिन अर्वाचीन मानव दुखी ओर अशांत है।जीवन को वह जी नही रहा बल्कि ढोह रहा है। कभी कभी तो आत्महत्या तक का प्रयास करता है। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि मानव अपने वास्तविक लक्ष्य को भूल चुका है।मननशील प्राणी तो वह है लेकिन उसका मन बाहरी संसार की खोज में लगा है। तन तो मंदिर है ,हृदय है वृंदावन नामक भजन के माध्यम से उन्होंने बताया कि मानव के भीतर में ही सुख के धाम ईश्वर का निवास स्थान है। लेकिन वह इसकी विपरीत दिशा में दौड़ता हुआ अनेकों व्यसनों का शिकार होता जा रहा है। आज का युवा वर्ग नशे की दलदल में फंस चुका है। नशा अर्थात न और शांति अर्थात जहां शांति न हो।नशे में तो शांति है ही नहीं,फिर भी मानव इसका सेवन करता है, अशांत रहता है। कभी इतिहास के युवा समय की धारा को बदलने का दम रखते थे। स्वामी विवेकानंद ,दयानंद सरस्वती जी, रामतीर्थ जी,प्रभु श्री राम , श्री कृष्ण, भगत सिंह, सुखदेव , राजगुरु इत्यादि युवा ही तो थे।जिनकी शौर्य की गाथाओं को हम आज भी गाते हैं।आज भी जरूरत है युवाओं को पथ दिखलाने की। ईश्वर की भक्ति का समावेश उनके भीतर करने की, जिससे वो फिर से उठ खड़े हों।रंग दे बसंती चोला भजन के गायन ने युवाओं को देश भक्ति के रंग में रंगने के लिए प्रेरित किया। भज गोविन्दम भजन के माध्यम से उपस्थित भगवत प्रेमियों को बताया गया कि जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान प्रभु के भजन ध्यान से हो सकता है । शास्त्र सम्मत ध्यान का फार्मूला बताते हुए साध्वी जी ने कहा, ध्येय +ध्याता =ध्यान । जब तक हमारे पास ध्यान करने हेतु कोई ध्येय भाव लक्ष्य नही होगा तब तक ध्यान में चेतना का एकाग्र होना असम्भव है। लक्ष्य का ज्ञान केवल ब्रह्मनिष्ठ सतगुरु ही केरवा सकते हैं। मानव के भीतर अनेक शक्तियां हैं, वह सृष्टि का सिरमौर है। प्रकाश की दिव्य आभा उसके भीतर समाई हुई है। लेकिन इस बात का बोध उसे ब्रह्मज्ञान के माध्यम से ही होगा। गुरु हमें दिव्य दृष्टि भाव तीसरी आंख , जिसे विज्ञान की भाषा में पीनियल ग्लैंड कहा जाता है,प्रदान करता है। तत्पश्चात शिष्य परमात्मा के दिव्य ज्योतिर्मय स्वरूप का साक्षात्कार करता है और फिर शुरू होती है ध्यान की प्रक्रिया। ध्यान के दौरान हमारे शरीर में ऐसे हार्मोन्स का स्त्राव होता हैं, जो कि मस्तिष्क को सदेव संतुलन की अवस्था में रखते हैं। जिससे मानव का जीवन शांत और सुखमय हो उठता है। इस भव्य कार्यक्रम में अन्य और हरी नाम सुखदाई,ऐसे दो संस्कार अपनी संतानों को और अटल प्रतिज्ञा है सतगुरु की स्वर्ग धरा कर देंगे इत्यादि सुमधुर भजनों से पूरा वाता वरण भक्तिमय हो उठा। उपस्थित श्रोताओं ने इन मधुर भजनों को श्रवण कर अपने अंतर मन को प्रभु के दिव्य रंग में डूबो दिया। इस दौरान साध्वी जी ने विशेष जोर देते हुए कहा कि कहा जाता है जल है तो कल है पर सब लोग तो अपने कल को स्वयं ही खत्म करने पर लगे है धरती के अंदर का पानी सूखता जा रहा है पर हमे जागना पड़ेगा ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगा कर और पानी की बचत कर धरती को बंजर होने से बचाकर अपने कल को स्वयं ही सुरक्षित करना होगा। इस भव्य कार्यक्रम में पंजाब के कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा, राणा गुरजीत सिंह विधायक, मंजू राणा, रणजीत खोजेवाल, कुलवंत कौर मेयर, राहुल सीनियर डिप्टी मेयर, विनोद सूद डिप्टी मेयर, परमजीत सिंह ई. टी. ओ, जतिंदर गुप्ता, धर्म चंद शर्मा, सी. आर. पी. एफ कमांडेट, वीना देवा जी, सुरिंदर मोहन शर्मा, चंद्र शेखर शर्मा, श्याम सुंदर अग्रवाल, चेतन सूरी, डा. पी. एस औजला, डा. रणवीर कौशल, अब्रोल उद्योगपति, राकेश शर्मा उद्योगपति, पवन धुन्ना उद्योगपति, परविंदर टोढ़, कंवर इकबाल सिंह, शहर के सभी पार्षद, सभी धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों के सदस्य, वकील, डॉक्टर्स एवं अन्य सभी वर्गों से महानुभाव उपस्थित रहे।
“Bhaj Govindam” Bhajan Sandhya organized by Divya Jyoti Jagrati Sansthan in Kapurthala