फ्रंट लाइन (चंडीगढ़) पंजाब की पिछली कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए सरकारी बसों में सफर मुफ्त करने की जो स्कीम लागू की गई थी, वह पी.आर.टी.सी. को बहुत महंगी पड़ने लगी है। पिछले 4 महीनों में पी.आर.टी.सी. को मुफ्त बस सफर के एवज में पंजाब सरकार से एक धेला भी नहीं मिला। सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक पी.आर.टी.सी. को महिलाओं के लिए मुफ्त बस स्कीम के अंतर्गत आखिरी बार पेमेंट दिसंबर नजदीक हुई थी।
इसके बाद जनवरी से अप्रैल तक गुजरे 4 महीनों में एक धेला भी पंजाब सरकार से नहीं मिला। इस स्कीम के अंतर्गत 31 मार्च तक तकरीबन 100 करोड़ रुपए की रकम पंजाब सरकार की तरफ बकाया खड़ी है। स्कीम मुताबिक हर वर्ग की लड़कियों और महिलाओं के लिए बस सफर मुफ्त है। महिलाएं जो सफर करती हैं, उनको सिफर (जीरो) किराए वाली खाली टिकट दी जाती है, जब कि पी.आर.टी.सी., पंजाब रोडवेज़ या पनबस के पास यह आंकड़ा आ जाता है कि कितना किराया बना।
इस मुताबिक सरकार के पास से स्कीम के पैसे प्राप्त किए जाते हैं। इस मामले में जब पी.आर.टी.सी. के मैनेजिंग डायरेक्टर पूनमदीप कौर के साथ बातचीत की तो उन्होंने कहा कि कुछ राशि पैंडिंग जरूर है परन्तु पेमेंट आ जाती है। सूत्रों ने बताया कि नई सरकार के खटकड़ कलां में हुए शपथ ग्रहण समागम और अमृतसर में अरविन्द केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान की रैली के लिए जो बसें गई थीं उनकी अदायगी डिप्टी कमिश्नरों के खातों के द्वारा की जा रही है और कुछ अदायगी हो चुकी है।