फ्रंट लाइन (रमेश नवदीप) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय बिधिपुर आश्रम में भव्य स्तर पर अध्यात्मिक कार्यक्रम किया गया जिसमें असंख्य भक्तों ने शामिल होकर गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्त कियाl
इस कार्यक्रम में संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री जयंती भारती जी ने भारतीय संस्कृति के विषय में बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति को संपूर्ण विश्व में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है।
इसीलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने युगो युगो से भारतीय संस्कृति की महिमा को गाया है l क्योंकि भारत एक ऐसी भूमि है जहां पर साधु संत बड़े-बड़े ऋषि मुनि और सिद्ध पुरुष रहते हैं। और इसी के अंतर्गत आज हम सभी भारतीय नववर्ष को मना रहे हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नवरात्र भी प्रारंभ होते हैं। सबसे खास बात इसी दिन ही सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन भी यही है।
साध्वी जी ने बताया कि तीनों लोगों की देवी श्री भुवनेश्वरी वरदान की दानी, वर्धा चक्र धारण करने वाली, महाचक्र धारिणी बुरी वृत्तियों का नाश करने वाली, दुर्गतिनाशिनी दुर्ग के समान ढाल बनकर अपने भक्तों की रक्षा करने वाली मां दुर्गा ही है ।असंख्य संबोधनो से पुकारे जाने वाली मां दुर्गा का वंदन आदिकाल से किया जा रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता अर्थात हड़प्पा संस्कृति में भी दुर्गा की स्तुति के प्रमाण मिलते हैं। रावण से युद्ध करने से पूर्व विजय हेतु प्रभु श्री राम ने भी मां का ही आह्वान किया था। इसलिए हमारे संत महापुरूष माँ भगवती की महिमा का गुणगान करते है।
साध्वी जी ने यह भी बताया कि जिस प्रकार दीपक स्वयं प्रकाशमान होते हुए अपने स्पर्श से अन्य सैकड़ों दीपक जला देता है। उसी प्रकार सद्गुरु स्वयं ज्ञान ज्योति से प्रकाशित होता है एवं दूसरों को प्रकाशमान करते हैं।
On behalf of Divya Jyoti Jagrati Sansthan, a spiritual program was organized at the local Bidhipur Ashram on a grand level