100 करोड़ की रिकवरी बनी चिंता का विषय, विभाग ने जारी किए आदेश
बिजली के बिल को लेकर खपतकारों पर 100 करोड़ की अधिक की डिफाल्टर राशि विभागीय अधिकारी के लिए चिंता का विषय बन रही है। पावरकाम 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर कार्यवाही करते हुए धड़ल्ले के साथ कनैक्शन काट कर वसूली कर लेता था पर अब आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से रिकवरी की चाल कछुए से भी धीरे चल रही है। खपतकार उम्मीद लगाई बैठे हैं कि नई सरकार पुराने बिलों को माफ कर देगी, जिस कारण वह बिलों की अदायगी नहीं कर रहे।
कनैक्शन काटना फील्ड स्टाफ के लिए मुश्किल साबित हो रहा है क्योंकि टीम जहां भी कार्यवाही करने के लिए जाती है, वहां मोहल्ले के प्रधान और अन्य लोग इकठ्ठा हो जाते हैं, जिस कारण स्टाफ को खाली हाथ वापिस आना पड़ता है। इस समस्या के साथ जूझ रहे पावरकाम के अधिकारियों ने बीच का रास्ता निकाला है जिससे कार्यवाही भी हो जाए और मोहल्ला प्रधानों को इंकार भी न करना पड़े। इस लड़ी में बड़े डिफाल्टरों को बिना बताए कनैक्शन काटने के आदेश दिए गए हैं।
इन जुबानी आदेशों में कहा गया है कि जिनका लाखों रुपए बकाया है, उनके पास से रिकवरी के बारे में पूछने की जरूरत नहीं है। मौके पर जाओ, कनैक्शन काटो और वापिस आ जाओ। नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि हैड आफिस पटियाला से रिकवरी को लेकर बहुत दबाव है। क्लोजिंग की तारीख 31 मार्च में अब कुछ दिन बाकी रह गए हैं, जिस कारण बड़े स्तर पर सख्ती करनी पड़ रही है। इस लड़ी में घरेलू खपतकारों और इंडस्ट्री को भी निशाना बनाया जा रहा है। इंडस्ट्री के कनेक्शनों को लेकर ईस्ट डिविजन बहुत सख्त हो गई है और कई फैक्टरियों के कनैक्शन बिना बताए सीधा ट्रांसफार्मर से काट दिए गए। इनमें टॉप लिस्ट पर उन लोगों को रखा गया है, जिनके पिछले कई बिलों का भुगतान नहीं किया और लाखों रुपए का बकाया लंबे समय से चल रहा है। दूसरी तरफ उन घरेलू खपतकारों को टारगेट किया जा रहा है, जिनकी रकम ज्यादा है।100 crore recovery became a matter of concern, orders issued by the department