जालंधर (रमेश कुमार) सरकार ने अघोषित पावर कट लगाने तो बंद कर दिए लेकिन तार, ट्रांसफार्मर में फाल्ट या कोई अन्य समस्या आने के बाद लोगों को अभी भी घंटों बिना बत्ती के रहना पड़ रहा है। इसकी बड़ी वजह जालंधर सर्किल में जेई, लाइनमैन व असिस्टेंट लाइनमैन के 50 से 80 फीसद पद नहीं भरना है। लाइनमैनों की कमी के कारण शिकायतों का जल्द निवारण नहीं हो पाता और ही फाल्ट दूर होने में तीन से चार घंटे लग रहे है। हालात ये है कि विभाग में एक जेई पांच कर्मचारियों का अकेला काम देख रहा है। आधे से भी कम लाइनमैनों व जेई के भरोसे जिले 18 लाख से अधिक बिजली कनेक्शन को ठीक करने की जिम्मेवारी है। उसी कारण बीते दिनों जब पंजाब ने बिजली संकट झेला तो पावरकाम के प्रबंधों की पोल खुल गई। शिकायतें अधिक होने की वजह से सब डिविजन पर तैनात कर्मचारी भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझते। उधर पद भरने को लेकर पावरकाम भी गंभीर नहीं जिसका नतीजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। सिर्फ जालंधर सर्किल में इतने पद खाली।पद मंजूर पोस्टें भरी खाली
फीडरों चलाने व बंद करने की जिम्मेवारी भी जेई पर
जालंधर सर्किल में कुल 370 फीडर है। 200 फीडर शहर व 170 फीडर गांव के है। बारिश व तेज आंधी चलने की वजह से फीडरों को बंद करने की जिम्मेवारी जेई पर होती है। फीडर के जरिए की उपभोक्ताओं को बिजली की सप्लाई दी जाती है। जेई की आधी पोस्टें खाली होने के कारण काम प्रभावित हो रहा है।
—– डिप्टी चीफ इंजीनियर ने भी माना-समस्या की असली जड़ पद खाली होना
पावरकाम के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरजिदर सिंह बांसल ने कहा कि फाल्ट को ठीक करने में देरी होने का कारण जेई, लाइनमैन व असिस्टेंट लाइनमैन की कमी है। एक कर्मचारी पांच कर्मचारियों का अकेले काम देख रहा है। विभाग ने अगर ठेके पर कर्मचारी रखने है तो उनकी गिनती बढ़ाई जाए। फाल्ट को ठीक करने में घंटों का समय लग रहा है। कई बार प्रदर्शन किए लेकिन कोई असर नहीं
इप्लाइज फेडरेशन ग्रुप जालंधर सर्किल के प्रधान बलविदर सिंह राणा ने कहा कि कई बार खाली पोस्टें भरने के लिए रोष प्रदर्शन किए जा चुके है लेकिन विभाग मांग को गंभीरता से नहीं ले रहा। बिजली फाल्ट को ठीक करने में घंटों का समय लग रहा है जिसका खामियाजा उपभोक्ता को भुगतना पड़ता है। Empty post of j.e. and lineman in jalandhar